Monthly Archives: August 2012

भारत में अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई

किसी भी राष्ट्र की स्थिरता, प्रभुसत्ता, चिरायु प्रगति, आपसी सद्भावना आदि के लिये यह आवश्यक है कि वहाँ के नागरिकों के अमीर और गरीब तबके के आर्थिक आधार में फ़र्क कम हो। अमीर और गरीब तबके के बीच अंतर सभी … Continue reading

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मँहगाई की मार से दम तोड़ता न्यायालय की अवमानना का कानून

भारत में मँहगाई लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन अधिकतर कानूनों में जिन ज़ुर्मानों का प्रावधान है वे जिस साल बने थे तब से वहाँ के वहाँ ही हैं और इस कारण कई कानून लगभग प्रभावहीन होते जा रहे हैं … Continue reading

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