Tag Archives: पाणी

वरखा पाणी – रूँखड़ा रे साणी

(वर्षा और पेड़ पौधो के संबंध पर मेवाड़ी भाषा में एक लेख) शैर तो शैर, गामाँ गामाँ में पाणी री मारा मारी चाल री है जा वरस दर वरस वद्तीज जाइरी है। जठे छा तक नीं वेचवा रो कायदो हो, … Continue reading

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बदलो अन्न- वंचावो पाणी

(भोजन में अन्न परिवर्तन करने से होने वाली प्रभावी जल बचत पर मेवाड़ी भाषा में एक लेख)      आजकालाँ पाणी वंचावे पे जोर है और जमानों देखता थकाँ यो वेणों जरूरी भी हे। पाणी री सब ऊँ वत्ती खपत खेती में … Continue reading

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पाणी पीवा री राजस्थानी रीत – पाणी वंचावा री मीत

(मेवाड़ी भाषा में जल बचत पर एक लेख) आजकल हम लोग ग्लासों  को मुँह से लगा कर पानी पीते हैं जबकि पहले  ग्लास को बिना झूठा किये पानी पीने का रिवाज़ रहा है। मेवाड़ी भाषा के इस लेख में यह  अनुमान … Continue reading

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